दिल के चंद एहसास
आपकी चाहत में हम, दीवाने हो गए हैं
मयकशी में डूबे, मयखाने हो गए हैं।।
आप मुस्कुराते हुए, इसी तरह मिलते रहिए
क्योंकि आप हमारे लिए,
पूनम-ए-चाँद के नजारे हो गए हैं।।
----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---
Sachin dev
15-Dec-2022 05:48 PM
Nice 👌
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